“शिक्षा का अर्थ यह नहीं है कि आपके मस्तिष्क में ऐसी बहुत – सी बातें इस तरह भर दी जाये कि अंतर्द्वंद्व होने लगे और आपका मस्तिष्क उन्हें जीवन भर पचा न सके। जिस शिक्षा से हम अपना जीवन निर्माण कर सकें, मनुष्य बन सकें, चरित्र गठन कर सकें और विचारों का सामंजस्य कर सकें, वही वास्तव में शिक्षा कहलाने योग्य है।” – स्वामी विवेकानंद
उपरोक्त शाश्वत शब्द केंद्रीय विद्यालय संगठन- भारत के शिक्षा मंत्रालय के तहत एक स्वायत्त निकाय को परिभाषित करते हैं। केंद्रीय विद्यालय संगठन गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में एक जीवंत और प्रमुख शैक्षणिक संस्थान है।
केंद्रीय विद्यालय संगठन जम्मू संभाग की स्थापना 1984 में हुई थी और वर्तमान में इसके अधिकार क्षेत्र में जम्मू और कश्मीर में स्थित 38 के. वि. आते हैं, जिनमें छात्रों के बौद्धिक, नैतिक और आध्यात्मिक विकास के लिए प्रभावी प्रबंधन और शिक्षकों की एक समर्पित, अच्छी तरह से सुसज्जित और प्रतिबद्ध टीम कार्यरत है। छात्रों को सर्वश्रेष्ठ बनाने के लिए नियमित आधार पर बहु-विषयक पाठ्यचर्या संबंधी गतिविधियों की एक श्रृंखला आयोजित की जाती है। प्रौद्योगिकी और वैश्वीकरण की लगातार परिवर्तनशील दुनिया के साथ चलने में हमारे छात्रों को सक्षम बनाने के लिए ‘सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास’ पर हमारा अधिक बल है।
हम “कमजोरों को प्रेरित करने, औसत को संबोधित करने और प्रतिभाओं को चुनौती देने” के सिद्धांत के साथ समावेशी शिक्षा में विश्वास रखते हैं। हमें अपने छात्रों को अगली पीढ़ी के संवेदनशील और उत्तरदायी नागरिकों के रूप में विकसित करने में सहायता करने पर गर्व है।
हमारे छात्रों ने अतीत में कई उपलब्धियां हासिल की हैं और मुझे पूरी आशा है कि उत्कृष्टता और उपलब्धियों की यह खोज भविष्य में भी जारी रहेगी।